बेसबब लिखता हूठमैं
ज़िनà¥à¤¦à¤—ी की चाल को
कौन समà¤à¤¾ है यहाà¤
कोई आता है
कोई जाता है
कà¥à¤› निशान छोड़ कर
कोई पहचान छोड़ कर
à¤à¤• उजड़ी हà¥à¤ˆ बसà¥à¤¤à¥€ मैं
à¤à¤• टूटा हà¥à¤† मकान छोड़ कर
ना आने का कोई सबब तेरा
ना जाने का कोई सबब है
इस लिà¤
बेसबब लिखता हूठमैं
कà¤à¥€ हैं कदम बहà¥à¤¤ हलके
कà¤à¥€ बोठहैं बलाओं से
कà¤à¥€ रात कटती है इक पल मैं
कà¤à¥€ ख़तà¥à¤® न हो क़यामत तक
नहीं जानता सहर का पता
नहीं जानता वफ़ा का घर
बढे जाते हैं कदम ये
किसी ओर किसी कारण से
और बढे जाते हैं कà¤à¥€ कहीं à¤à¥€ नहीं
बोà¤à¤¿à¤² से और बेसबब
इस लिà¤
बेसबब लिखता हूठमैं
ज़िनà¥à¤¦à¤—ी है नाव सी
कोई सागर मैं जो है गिर गयी
न कोई रासà¥à¤¤à¤¾ न साहिल कोई
न है माà¤à¥€ और न पतवार ही
ये जो लहरें उस को छू रहीं
वो ही उठा रहीं और डà¥à¤¬à¤¾ रहीं
न पता है मà¥à¤à¥‡ अंजाम का
न पता है सà¥à¤¬à¤¹à¥‹-शाम का
कहीं पहà¥à¤‚चा तो वो à¤à¥€ बेसबब
और डूबा तो वो à¤à¥€ बेसबब
इस लिà¤
बेसबब लिखता हूठमैं