à¤à¤• आह की ज़िंदगी à¤à¥€
आख़िर ज़िंदगी कà¥à¤¯à¤¾ होती है
à¤à¤• ज़ख़à¥à¤® से उà¤à¤°à¤¤à¥€ है
à¤à¤• ज़ख़à¥à¤® में फ़ना होती है
कà¥à¤¯à¤¾ कहें किस से कहें
ये ज़à¥à¤¬à¤¾à¤¨ गदà¥à¤¦à¤¾à¤° है
दरà¥à¤¦ की इंतेहा तो बस
आà¤à¤–ों से बयान होती है
गà¥à¤® हो जाà¤à¤à¤—े हम à¤à¥€
आख़िर दसà¥à¤¤à¥‚र-à¤-खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ है
अà¤à¥€ तो रूह मेरी हर दिन
टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‹à¤‚ टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‹à¤‚ में रवाठहोती है