थक गया हूठज़िंदगी से
और तेरी बंदगी से
कà¥à¤› इशà¥à¤•़ को आराम दूं
कà¥à¤› और राहें थाम लूà¤
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मà¥à¤¡à¤¼ से गये थे रासà¥à¤¤à¥‡
वापस उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखूं ज़रा
खोलूं मैं कà¥à¤¯à¤¾ कमरा नया
टूटा हà¥à¤† सीलन à¤à¤°à¤¾
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आवाज़ें जो घà¥à¤² गयी थी
ज़िंदगी के शोर में
गाà¤à¤ ि जो पड़ गयी थी
जीवन पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ की डोर में
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आज़ाद हो जाने दूं मैं उन को
दरिया सा बहता हà¥à¤†
उड़ता पंछी सा कहीं
जोगी सा रमता हà¥à¤†
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कà¥à¤¯à¤¾ मिला इस ज़िंदगी में
तà¥à¤à¥‡ पà¥à¤¯à¤¾à¤° की इस राह पर
रूह के सà¥à¤°à¥à¤– छींटे
बिखरे हैं तेरी चाह पर
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जाने दूठउन खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶à¥‹à¤‚ को
जो जलने से पहले ही बà¥à¤ गयी
शाम को ढल जाने दूà¤
देखूं फिर से कोई सà¥à¤¬à¤¹ नयी
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थक गया हूठज़िंदगी से
और तेरी बंदगी से
कà¥à¤› इशà¥à¤•़ को आराम दूं
कà¥à¤› और राहें थाम लूà¤