सूडान के रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मैं
à¤à¥‚खे नंगे इंसान मैं
खून से लथपथ
हर सूखे हà¥à¤ पथ पर
हर रोज़ मरती हूठलेकिन
मरती नहीं हूठमैं
अमेरिका के सà¥à¤•à¥‚लों मैं
मौत के खिलोनों मैं
शिकà¥à¤·à¤• के खून मैं à¤à¥€à¤‚गी
बेगà¥à¤¨à¤¾à¤¹ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की सिसकी मैं
हर रोज़ मरती हूठलेकिन
मरती नहीं हूठमैं
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के जंगलों मैं
धरà¥à¤® के दंगलों मैं
à¤à¤• डरी और सहमी हà¥à¤ˆ
मलाला के सà¥à¤•à¥‚ल जाते वक़à¥à¤¤
हर रोज़ मरती हूठलेकिन
मरती नहीं हूठमैं
दिलà¥à¤²à¥€ की बसों मैं
वहशियों के अटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¹à¤¸à¥‹à¤‚ मैं
à¤à¤• लोहे की नोक पे
लà¥à¤Ÿà¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ असà¥à¤®à¤¤à¥‹à¤‚ मैं
हर रोज़ मरती हूठलेकिन
मरती नहीं हूठमैं
Loved every word of it.
You should consider a compilation in print.
I wrote a similar poem on Insaaniyat. Will be nice to hear from you: http://goo.gl/t8CjPr