अपना नाम तो तà¥à¤® लिख ही लोगे
मेरे मकान-ओ-दर पे
पर उन परिंदों का कà¥à¤¯à¤¾ करोगे
जो कà¤à¥€ अनायास ही
कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही आ कर बैठ गठथे
कà¥à¤› पानी पिया
कà¥à¤› बातें हà¥à¤¯à¥€à¤‚
कà¥à¤› अपनापन सा जाग उठा
à¤à¤• रिशà¥à¤¤à¤¾ सा उग गया
à¤à¤• सूखी सी शाख पे
à¤à¤• निशान है उस शाख पे
उस रिशà¥à¤¤à¥‡ का जिस मैं
कहीं मेरा अकà¥à¤¸ छà¥à¤ªà¤¾ है
अपना नाम तो तà¥à¤® लिख ही लोगे
मेरे मकान-ओ-दर पे
पर उस मिटटी का कà¥à¤¯à¤¾ करोगे
जो à¤à¤• सोंधी सी खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ देती थी
पहली बारिश की आहट पे
चमकने लगते थे सब पतà¥à¤¤à¥‡
à¤à¤• à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ और उनà¥à¤®à¤¾à¤¦ के साथ
à¤à¤• दिन उसी मिटटी मैं
काम करते करते मेरे हाथों से
कà¥à¤› बूà¤à¤¦à¥‡à¤‚ खून की गिर गयी थीं
उस खून का रंग à¤à¥€
उस मिटटी मैं मिला हà¥à¤† है
अपना नाम तो तà¥à¤® लिख ही लोगे
मेरे मकान-ओ-दर पे
पर.…