शीला की जवानी से मुन्नी बदनाम क्यूँ हुई

हमारा देश एक बहुत ही कठिन दौर से गुज़र रहा है. पता नहीं क्या होगा हमारे देश के भविष्य का. एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के कारन आप को आगाह करना मेरा कर्तव्य है. एक तो मुन्नी के बदनाम होने से पहले ही आधा देश परेशान था और अब शीला भी जवान हो गयी. बहुत ही असमंजस का समय है. मुन्नी के बदनाम होने का दोष तो हम सलमान की माथे पे भी मढ़ सकते हैं पर इस बेचारी शीला का क्या करें. उस का तो बस इतना ही दोष है की वो खुद से ही प्यार कर बैठी और बचपन मैं किसी के हाथ मैं नहीं आने के कारण उसे हमेशा फेविकोल वाले डब्बे पर बिठाया जाता था.

ये बहुत ही जटिल विषय है और मैं जो खुलासा करने जा रहा हूँ वो देश की सुरक्षा की द्रष्टि से बहुत ही गोपनीय बातें उजागर करेगा इस लिए जो अठारह वर्ष से कम के बच्चे ( शाहिद अफरीदी के अलावा ) हैं, वो कृपया कर के अपने अपने माँ बाप की गोदी मैं बैठ जायें. जो अठारह वर्ष से ज्यादा हैं वो इस विषय वस्तु पे पूरी तरह से ध्यान दें. सब से पहले शीला के जवान होने की बात करते हैं. शीला बचपन से ही अपने नाम को बिलकुल पसंद नहीं करती थी. उस को तो सविता ( भाभी नहीं ) भी इतना बुरा नाम नहीं लगता था पर भारतीय संसकारों मैं नाम रखने का हक़ या तो माँ बाप का है या उस मैं नयी पूंछ लगाने का हक़ पति को. कई लोग कहते हैं की उस को शीला नाम से इस लिए नफरत थी क्यूंकि वो किसी राजनीतिज्ञ का नाम था जो एक बहुत बड़े घोटाले मैं पैसा बनाने मैं असफल रही. जो भी कारण रहा हो परंतु इस नाम के लिए नफरत ने शीला को बहुत ही विचलित कर दिया था. वो अपने नाम से ये बद्नुमा दाग हटा देना चाहती थी. उन्होंने एक दिन दृढ निश्चय कर लिया की वो अपना जीवन देश की सेवा मैं लगा देंगी. भारतीय सेना मैं उन दिनों बहुत जोर शोर से भर्ती चल रही थी और शीला ने भी अपना आवेदन पत्र भर दिया. बहुत ही कठिन दौर से गुजर कर उन्हें भर्ती कर लिया गया और वो जवान हो गयी.

अब आते हैं मुन्नी की बदनामी पर. अब देखिये मुन्नी के साथ बहुत सारी समस्याएं थी. एक तो उन का फिगर शिल्पा ( बिफोर राज कुंदरा ) वाला था और उन की अदा बेबो ( आफ्टर शाहिद कपूर ) वाली थी और उन के पीछे लम्बू और सैफू भी थे. उन के जीवन मैं इन चार स्टार्स के अलावा एक और स्टार था उन का नकली डॉक्टर भाई मुन्ना जिसने पटना से नकली ऍम बी बी एस की डिग्री बनवाई थी. जब डिग्री बनवाने गए थे मुन्ना भाई तो एक हज़ार रुपये कम पद गए थे और एजेंट ने उन को जानवर के डॉक्टर वाली ही डिग्री दी. इसी लिए उन्होंने छोटा शहर छोड़ के मुंबई मैं अपनी प्रक्टिस शुरू की. तो कुल मिला के मुन्नी के ज़िन्दगी मैं ये पांच स्टार्स थे. इस चक्कर मैं उन को दो बुरी आदतों ने घेर लिया. एक तो बहुत फाइव स्टार चोकलेट खाने लगी और दुसरे फाइव स्टार होटल मैं खाना खाने की आदत पड़ गयी. बहुत उधर बढ़ गया था उन का होटल मैं भी और बनिए की दूकान पे भी. एक दिन इस आदत के चलते उन की पैसे की तंगी इतनी बढ़ गयी की उन को चोरी का सहारा लेना पड़ा. उन की एक दोस्त थी मोनिका जिस को सब लोग डार्लिंग कह के बुलाते थे. मुन्नी ने एक दिन हिम्मत कर के मोनिका की फाइव स्टार दुकान से एक चोकलेट चुरा ही ली. पर उन की बदनसीबी तो देखिये, चुरा के भागते वक़्त उन का पैर फिसल गया और उन के पिछवाड़े मैं चोट लग गयी. अब दर्द के मारे उन को झंडू बाम भी चुराना पड़ा. दूसरी चोरी करते वक़्त वो पकड़ी गयी और वो बदनाम हो गयी.

अब आप सोचेंगे की इन दोनों कहानियों मैं कनेक्शन कहाँ है. अरे भाई कनेक्शन है, बिलकुल है. हमारे पडोसी देश को ये पता था कि शीला के जवान होने से भारतीय सेना मैं एक नया जोश आ जायेगा और इस लिए वो ये बिलकुल भी नहीं चाहते थे कि ऐसा हो. इस के लिए उन्होंने भारत के बड़ी बॉस मारने वाले मशहूर कलाकार सलमान खान से संपर्क किया. पहले उन्होंने अपनी महिला मित्र शीला ( कटरीना कैफ ) से बहुत गुज़ारिश की वो जवान होने का अपना कार्यक्रम स्थगित कर दें पर शीला के दृढ निश्चय के आगे उन की एक न चली. मोनिका डार्लिंग ( हेलेन ) सलमान खान की सौतेली माँ लगती है और सलमान के कहने पर उन्होंने अपनी दुकान पर फाइव स्टार के बड़े पेकेट आगे रखे जिस से मुन्नी के दिल में छुपा हुआ चोकलेट प्रेम जाग जाये. इस प्रकार से हमारे पडोसी देश के घिनोने इरादे असफल हो गए और हमारा देश भारत फिर से महान हो गया.

जय हिंद

उपलेख : लेखक अपना आभार प्रकट करना चाहता है सब से पहले श्रीमान राहुल बंसल जी को जिन्होंने इस विषय वस्तु पर लेखक की जिज्ञासा जाग्रत करने का कार्य किया और सुश्री मीनू देवी का जिन्होंने इस कहानी को एक सूत्र मैं पिरोने मैं मदद की.

4 Comments

  1. Hmmm… Intresting suggestion. Waise BBG is playing an important role in bridging the gap as we have tons of followers from across the border.

  2. wonderful post. Enjoyed every bit of sarcasm and satire. It is so true that we have become so engrossed in trivial matters to the exclusion of the larger interests of the country.

  3. A nicely written anecdote. BTW, may I please ask , what made you to choose Patna as the city for Munna Bhai to fake his Medical degree out of million cities ?

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