वो गीता à¤à¥€ पढता था वो कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पढता था मज़हबों से कहीं आगे वो इंसान पढता था मिसाइल के मसाइल से à¤à¥€ वाक़िफ़ था बहà¥à¤¤ वो पर चैन-ओ-अमन का कलाम वो सà¥à¤¬à¤¹-शाम पढ़ता था ना उतà¥à¤¤à¤°Â से ना दकà¥à¤·à¤¿à¤£Â से ना पूरब से ना पशà¥à¤šà¤¿à¤® से वो क़ौम का बंदा था वो हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ पढ़ता था वो गीता à¤à¥€ पढता…