देखा है कà¤à¥€
सूरज को
उगते हà¥à¤
और डूबते हà¥à¤
कà¥à¤¯à¤¾ फरà¥à¤• होता है
थोड़ा रौशनी का
और बहà¥à¤¤ कà¥à¤›
निकलता है सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¬à¤¹
à¤à¤• जोश के साथ
बहà¥à¤¤ ऊरà¥à¤œà¤¾ लिठहà¥à¤
सà¥à¤¬à¤¹ का संचार करते हà¥à¤
हर कण कण में
à¤à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® चादर
बिखेर तेता है
पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के
हर आयाम में
पà¥à¤°à¤¾à¤£ à¤à¤° देता है
अंधेरों के à¤à¥€ अंधेरों में
पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से देखो
उगते सूरज की
परिधि को
कहाठसीमा है उस की
जà¥à¤žà¤¾à¤¤ ही नहीं होता
à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की आंधी
अपरिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ सी
ऊरà¥à¤œà¤¾ का à¤à¤•
विसरण करती है
पर दिन को अगर
निकलना है तो
ढलना à¤à¥€ है
नियम है
जीवन का
कà¥à¤°à¤® है
जीवन का
सूरज à¤à¥€ इसी कà¥à¤°à¤® से
निकलता है पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨
कà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¿à¤œ के उस ओर पे
ढल जाने के लिà¤
पर ढलते वक़à¥à¤¤ सूरज का
रंग ढंग ही कà¥à¤› और होता है
कà¥à¤› गाà¥à¤¾ सा
कà¥à¤› नारंगी सा
दिन à¤à¤° की थकान को
अपने à¤à¤¾à¤°à¥€à¤ªà¤¨ में समेटे हà¥à¤
विसरण की सीमायें
कà¥à¤› अधिक परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ होती हैं
ऊरà¥à¤œà¤¾ और परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ के
परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ के मधà¥à¤¯ में बहता है जो
निरंतर और सतत
वही जीवन है
वही जीवन है