रात हो चली है कोई किताब पढ़ने दो मà¥à¤à¥‡
दिन के ज़खà¥à¤®à¥‹à¤‚ का कà¥à¤› तो हिसाब करने दो मà¥à¤à¥‡
घर के हर कोने से कोई जाला गिरा जाता है
अपनी ज़ख़à¥à¤®à¥‹à¤‚ को कà¥à¤› बा नक़ाब करने दो मà¥à¤à¥‡
रोशनी में छà¥à¤ªà¥‡ रहते हैं अंधेरों में निकल आते हैं
अब तो खà¥à¤¦ से ही सवाल-ओ-जवाब करने दो मà¥à¤à¥‡
हमें à¤à¥€ मालूम है सलाम का जवाब नहीं आने वाला
फिर à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ ही आदाब करने दो मà¥à¤à¥‡
रात हो चली है कोई किताब पढ़ने दो मà¥à¤à¥‡
दिन के ज़खà¥à¤®à¥‹à¤‚ का कà¥à¤› तो हिसाब करने दो मà¥à¤à¥‡