मà¥à¤à¥‡ गरà¥à¤µ है हिंदी पर
जो उरà¥à¤¦à¥‚ को à¤à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•ार करती है
और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ को à¤à¥€
कà¥à¤› बदल जाती है
पर बहà¥à¤¤ कà¥à¤› मिटता नहीं है
कोई मिठास लाता है
कोई नयी शà¥à¤µà¤¾à¤¸ लाता है
हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में हर कोई
à¤à¤• नया आà¤à¤¾à¤¸ लाता है
मà¥à¤à¥‡ गरà¥à¤µ है हिंदी पर
बिहार जाती है तो
à¤à¥‹à¤œà¤ªà¥à¤°à¥€ बन जाती है
मिथिला जाती है तो
मैथली बन जाती है
मà¥à¤‚बई जाती है तो
मà¥à¤®à¥à¤¬à¤‡à¤¯à¤¾ बन कर
चलचितà¥à¤°à¥‹à¤‚ में बहà¥à¤¤
रंग जमाती है
मà¥à¤à¥‡ गरà¥à¤µ है हिंदी पर
à¤à¤¾à¤·à¤¾ को जीवित रहने के लिà¤
जीवंत à¤à¥€ होना होगा
नठचोले पहनने होंगे
नठपथ पे चलना होगा
जो बदलता नहीं समय के साथ
समय उसे अरà¥à¤¥à¤¹à¥€à¤¨ बना देता है
हिंदी की पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिकता
हिंदी की विविधता में ही है
मà¥à¤à¥‡ गरà¥à¤µ है हिंदी पर