निकलते तो सà¤à¥€ हैं
पà¥à¤¯à¤¾à¤° की गà¥à¤²à¥à¤²à¤• à¤à¤°à¥€ ले कर
à¤à¤• गरà¥à¤µ के साथ
à¤à¤• ख़à¥à¤¶à¥€ के साथ
लगता है ये खज़ाना
कà¤à¥€ à¤à¥€ ख़तम नहीं होगा
पर ज़िनà¥à¤¦à¤—ी और पैसे की तरह
ये जो पà¥à¤¯à¤¾à¤° है ना
वो à¤à¥€ खरà¥à¤š हो जाता है
वो पहली लड़ाई
वो पहला आरोप पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ª
वो माफ़ी न देने की
खà¥à¤¦ को कसम
जो आपस में दी हà¥à¤ˆ
पà¥à¤¯à¤¾à¤° की कसम से à¤à¥€
कहीं ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¥€ होती है
वो जो à¤à¤• समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ होता है
अंदर कà¥à¤› टूटने के बाद à¤à¥€
बाहर से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ दिखने का
दिखते तो सब ठीक ही
सामाजिक बंधनों में
ये जो पà¥à¤¯à¤¾à¤° है ना
वो à¤à¥€ खरà¥à¤š हो जाता है
फिर आता है बहà¥à¤¤ सारा
दà¥à¤¸à¤°à¥‡ रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª
à¤à¤• रिशà¥à¤¤à¤¾ दà¥à¤¸à¤°à¥‡ रिशà¥à¤¤à¥‡ के
खिलाफ हो जाता है
और पता ही नहीं लगता कब
à¤à¤• शरà¥à¤¤à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ रिशà¥à¤¤à¤¾
सशरà¥à¤¤ बन जाता है
ये जो पà¥à¤¯à¤¾à¤° है ना
वो à¤à¥€ खरà¥à¤š हो जाता है
फिर à¤à¤• दिन वो à¤à¥€ आता है
जब गà¥à¤²à¥à¤²à¤• खाली होती है
लगता है कà¥à¤› सिकà¥à¤•े  पà¥à¤¯à¤¾à¤° के
पहले डाल दिठहोते
या खरà¥à¤š करते हà¥à¤
थोड़ी कंजूसी करी होती
पर ये à¤à¤¸à¤¾ खरà¥à¤š है
जो अपने आप ही होता है
और नठसिकà¥à¤•े डालने का हà¥à¤¨à¤°
सब को नहीं आता
और तब बस यही बचता है
ज़िनà¥à¤¦à¤—ी à¤à¤° सोचने के लिà¤
ये जो पà¥à¤¯à¤¾à¤° है ना
वो कितनी जलà¥à¤¦à¥€Â  खरà¥à¤š हो जाता है