बहà¥à¤¤ हलà¥à¤•े से ओढ़ रखी हैं
अरमानों की चादरें
थोड़ी à¤à¥€ हवा आती है
उड़ जाती हैं
Â
पà¥à¤°à¤œà¤¼à¥‹à¤° नहीं हैं ज़िंदगी के रासà¥à¤¤à¥‡
बिखरी हà¥à¤ˆ पगडंडियां हैं
कोई सखà¥à¤¤à¥€ से चलता है
मà¥à¤¡à¤¼ जाती हैं
Â
कारोबार-à¤-ज़िंदगी हमारा
कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ चल रहा है
कà¥à¤› समà¥à¤‚दर निकल गये हम से
कà¥à¤› नदियाठजà¥à¤¡à¤¼ जाती हैं
Â
ना खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की कोई खà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤¶
ना गम से गिला कोई
कà¥à¤¯à¤¾ आशियाने बन गये तो
कà¥à¤¯à¤¾ ग़र बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ उजड़ जाती हैं