वो दरख़à¥à¤¤
अपनी  शाखों पे
अनजान परिंदों के
आशियाने बनाता हà¥à¤†
वो दरख़à¥à¤¤
à¤à¤• अनजान मà¥à¤¸à¤¾à¤«à¤¿à¤°
राहों की गरà¥à¤¦ ले के
थक कर बैठगया
छाà¤à¤µ देता उस को à¤à¥€
वो दरख़à¥à¤¤
à¤à¥‚मता रहता था
मदमसà¥à¤¤ हवाओं मैं
ख़à¥à¤¶à¥€ से
वो दरख़à¥à¤¤
आशियाठपरिंदों के
दरà¥à¤¦ लेकिन दरख़à¥à¤¤ का
परिंदे कà¥à¤¤à¤° कà¥à¤¤à¤° के
ज़खà¥à¤® देते
कतरे कतरे मैं
फिर à¤à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¾
वो दरख़à¥à¤¤
मà¥à¤¸à¤¾à¤«à¤¿à¤° को बस
सà¥à¤§ थी
अपनी ही थकान की
कà¥à¤¯à¤¾ पता था उस को
कितना रोया था
वो दरख़à¥à¤¤
हवाओं को à¤à¥€
कà¥à¤¯à¤¾ था पता
कमज़ोर था इस लिà¤
उसे देख à¤à¥‚म गया था
वो दरख़à¥à¤¤
बोà¤à¤¿à¤² और अनà¥à¤¦à¤° से कमज़ोर
खोखला और थक हà¥à¤†
वो हवाओं के साथ
à¤à¥‚मता नहीं था
शकà¥à¤¤à¤¿ विहीन था
जिस ओर हवाà¤à¤‚ ले जातीं
उसी ओर मà¥à¤¡ जाता
मà¥à¤¸à¤¾à¤«à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ और पंछियों से
कà¥à¤¯à¤¾ कह सकता था वो
पंछियों को आशियाठदेता
मà¥à¤¸à¤¾à¤«à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ को छाà¤à¤µ
हवाओं  के साथ à¤à¥‚मता हà¥à¤†
बहà¥à¤¤ टूटा हà¥à¤† था अनà¥à¤¦à¤° से
वो दरख़à¥à¤¤