इस रात ये ज़िंदगी ठिठà¥à¤°à¥‡à¤—ी सहम जाà¤à¤—ी
इस रात दीवाली हम से ना मनाई जाà¤à¤—ी
कà¥à¤› अरसे से रौशनी हम से नाराज़ रही
कà¥à¤› अरसे से मधà¥à¤¯à¤® ज़िंदगी की आवाज़ रही
इस रात दिल की लौ सà¥à¤¬à¤• सà¥à¤¬à¤• के सो जाà¤à¤—ी
इस रात दीवाली हम से ना मनाई जाà¤à¤—ी
लाशों के साठउà¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं खून की नदियों से
इंसान का दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ बना है इंसान ही सदियों से
इस रात जाने कितनी ज़िंदगियाठअधूरी ही खो जाà¤à¤à¤—ी
इस रात दीवाली हम से ना मनाई जाà¤à¤—ी
ये पटाखों की आवाज़ें ये रोशनी से à¤à¤°à¥‡ दिà¤
अंधेरे दिल के गहराई मैं धà¥à¤†à¤ सा à¤à¤° दिà¤
आज दिल की तनà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ दिल को ही कैसे समà¤à¤¾à¤à¤—ी
इस रात दीवाली हम से ना मनाई जाà¤à¤—ी
à¤à¤• बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¥‚खे पेट शहर की रोशनियों मैं सो जाà¤à¤—ा
à¤à¤• बचà¥à¤šà¤¾ मीठे की दà¥à¤•à¤¾à¤¨ देख कर ललचाà¤à¤—ा
अमीरों के घर की रोशनी कब ग़रीबों का घर चमकाà¤à¤—ी
इस रात दीवाली हम से ना मनाई जाà¤à¤—ी
Beautiful!